मुरैना. 12 नवम्बर,स्थानीय आमपुरा ग्राउन्न्ड वी आई पी रोड मुरैना में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर व्यासपीठ से बोलते कृष्णचन्द्र शास्त्री ने हजारो भक्तों को उपदेश में कहा कि भगवान के प्रति प्राणी को दृढ निश्चय से ही भगवान की प्राप्ति सम्भव हो सकती हैं। उन्होने प्रहलाद चरित्र श्रवण कराते कराते हुए कहा कि भगवान के परम भक्त प्रहलाद ने पांच वर्ष की अवस्था में अटूट भक्ति भगवान के चरणों की करते हुये सााक्षात नृसिंह भगवान का दर्शन व आर्शीवाद दोनो ही प्राप्त कर लिए। यदपि देवर्षि नारद ने परीक्षा लेकर उन्हें लोटाना चाहा किन्तु प्रहलाद अपने संकल्प पर अडिग रहें है मधुवन मे ंपाॅच महिने कठिन तपस्या करते हुये संकल्प पर अडिग रहते हुये अटूट विश्वास के परिणााम स्वरूप साक्षात भगवान नृसिह को प्राप्त कर दर्शन व वरदान दोनो ही प्राप्ति कर लिया। अतः प्रहलाद चरित्र से हमें अपने संकल्प पर अडिंग रहने दृढ निश्चयी होने की शिक्षा मिलती हैं। इससे पूर्व श्री कृष्णचन्द्र शास्त्री (ठाकुर जी) ने प्रभु उपाख्यान प्राचीन वर्हि भरत व ऋषभ तथा जड भरत चरित्र भूगोल खगोल का वर्णन नरकों की कथा, अजामिल उपख्यान जो
भगवान के नाम की महिमा से समन्वित हैं उसका बडा ही सरल व रहस्य मय अध्यात्मिक ढंग से वर्णन कर भक्तों के अपार जन समूह को आश्चर्य चकित व भक्ति रस व नाम महिला रस से आप्लाविंत कर आन्दित कर दिया। कथा परीचत ननि पार्षद श्रीमती उर्मिला-गरसिंह सिकरवार है।
वृधवार को वामन अवतार राम अवतार और कृष्ण अवतार तथा नन्दोउत्सव का वर्णन होगा। इस अवसर पर मुरैना शहर व आसपास व दूरदराज के ग्रामीण अंचल से हजारों भक्तों ने कथा श्रवण का लाभ लिया। तथा विप्र ब्राम्हण व विद्धाानो ंने भी कथा में उपस्थित होकर कथा व मंच की शोभा में चार चाद लगा दिये । संगीत के साथ संगीता चार्य भजन के माध्यम से श्रोताओं को गद गद कर दिया।
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