नई दिल्ली । अटलजी के जन्मदिवस पर केंद्र सरकार दो नई योजनाओं का शुभारंभ करने जा रही है। इन दोनों योजनाओं के नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल जल और अटल टनल रखा गया है। आज केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि देश के सात राज्यों में पानी की सुचारू व्यवस्था के लिए अटल जल योजना लॉन्च की जाएगी। योजना के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है। 3 हजार करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक देगा और 3 हजार करोड़ रुपये भारत सरकार देगी। उन्होंने बताया कि अटल टनल के तहत मनाली से लेह तक टनल खोदने का काम 80% पूरा हो चुका है, इसे अटल सरकार ने 2003 में स्वीकृति दी थी।
जावड़ेकर ने बताया कि अभी देश के सात राज्यों, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में अटल जल योजना लागू होगी। इसके तहत इन प्रदेशों के 8,350 गांवों में काम होगा। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीणों एवं किसानों के सहयोग से चलेगी। योजना से पानी की समस्या का समाधान होगा जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'पानी की सतत उपलब्धता के द्वारा किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य भी सधेगा।'
जावड़ेकर ने कहा कि लोगों में जन जागृति पैदा हो, क्षमता वृद्धि हो, पानी का बेहतर उपयोग हो, इसकी ज्यादा निगरानी हो, इसके लिए सही तरीके से बजट बने, इसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो और इसका किफायती उपयोग हो, अटल योजना के यही उद्देश्य हैं। उन्होंने कहा कि अभी देश में 62% सिंचाई भूजल से होता है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में पानी की 85% सुविधा भूजल से ही मिलती है।
वहीं, अटल टनल योजना के तहत मनाली से लेह तक एक टनल खोदने का काम 2005 में स्वीकृति हुआ था। 2003 में अटल सरकार के समय में योजना बनी थी। उसका काम लाहौल स्फीति तक पूरा हो गया है। यानी 80 फीसदी काम हो चुका है। जावड़ेकर ने बताया कि इसमें 46 किमी का रास्ता कम हो जाएगा जिससे 5 घंटे की बचत होगी। उन्होंने कहा कि 8.8 किलोमीटर का यह टनल 10 हजार फीट से ऊपर की ऊंचाई वाला दुनिया का पहला सबसे लंबा टनल होगा।
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