जीवन की बुराइयां शिव पर अर्पण करना ही सच्ची महाशिवरात्रि मनाना- ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी


पोरसा मुरैना।  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र सुख शांति भवन सब्जी मंडी रोड पोरसा में शिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई गई। जिसमें सुंदर शिव रथ यात्रा निकाली गई यात्रा में 500 भाई बहन उपस्थित रहे यात्रा में सुंदर शिव पार्वती, राधा कृष्ण की झांकी लगाई गई रथ यात्रा  का शुभारंभ स्थानीय सेवा केंद्र से होते हुए पोरसा शहर के मुख्य मार्गों से भ्रमण करते हुए सेवा केंद्र पर समाप्त हुई रथ यात्रा का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री रामपाल सिंह जादौन (टी.आई पोरसा) जी के द्वारा किया गया। इस शिव रथ यात्रा में सेवाकेंद्र से जुड़ी ब्रम्हाकुमारी पाठशाला के भाई बहनों ने भी भाग लिया

ब्रम्हाकुमारी कृष्णा दीदी जी ने सभी को शिवरात्रि का महत्व बताते हुए कहा कि विश्व में शायद ही कोई देश होगा जहाँ शिवलिंग की पूजा किसी न किसी रूप में न होती हो। परमात्मा ही हम सबके मात‌- पिता हैं उनका ही नाम है शिव, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'सदा कल्याणकारी', अर्थात वो जो सभी का कल्याण करता है। शिवरात्रि व शिवजयन्ती भारत में द्वापर युग से मनाई जाती है। यह दिन हम ईश्वर के इस धरा पर अवतरण के समय की याद में मनाते हैं। परमात्मा शिव साकार मनुष्य प्रजापिता ब्रह्मा के तन का आधार लेकर नई सतयुगी दुनिया की स्थापना का दिव्य कर्म करा रहे हैं । शिव के अलावा ओर किसी को भी हम 'परम-आत्मा' नहीं कहते। 

सच्ची शिवरात्रि तब मनाई जाएगी जब हम अपने अंदर के पांच विकारों काम,क्रोध मोह,लोभ,अहंकार को शिव  पर अर्पण कर देंगे।  अब अपने इस अन्तिम जन्म में महाविनाश से पूर्व मेरे ज्ञान द्वारा अज्ञान निद्रा से जागरण कर मेरे साथ मनमनाभव अर्थात् योगयुक्त होकर विकारों का सच्चा उपवास करो। इस ज्ञान एवं योग बल से महाविनाश तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करो। यही सच्चा महाव्रत अथवा शिवव्रत है।


अब अति धर्मग्लानि का समय पुनः आ चुका है और पवित्र पावन परमात्मा शिव ब्रह्मा के साकार तन में प्रवेश करके अपना कल्प (5000 वर्ष) पूर्व वाला रूद्र-गीता – ज्ञान सुना रहे हैं।


विश्व में शायद की कोई देश होगा जहाँ शिवलिंग की पूजा किसी न किसी रूप में न होती है । कल्याणकारी परमपिता परमात्मा की प्रतिमा ।

प्राचीन काल में शिवलिंग हीरों (जो कि प्राकृतिक रूप से ही प्रकाशवान होते हैं) के बनाये जाते थे क्योंकि परमात्मा का रूप ज्योतिबिंदु है ।सभी भाई बहनों को ब्रह्माभोजन स्वीकार कराया। इस कार्यक्रम में भोले गुप्ता(उद्योग्पति),श्रीमान वीरेंद्र कुमार जैन समाज सेवक, ब्रम्हाकुमारी निकेता बहन, ब्रम्हाकुमारी प्रियंका बहन,ब्रह्मकुमार नीतेश भाई, ब्रह्मकुमार शुभम भाई, मनोज तोमर, श्री भगवान सिंह गुप्ता, योगेंद्र भाई, सुदामा गुप्ता, बाबू गुप्ता, राम शंकर गुप्ता, जानकी माता, सुनीता, राधा, पुष्पा उपस्थित रहे।

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